SEBI खुलासा नियमों का अनुपालन नहीं करने पर लगाएगा इतना जुर्माना
पूंजी बाजार नियामक सेबी (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने सूचीबद्ध रिण प्रतिभूतियों के जारीकर्ताओं के लिये खुलासा जरूरतों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में जुर्माना लगाने की एकसमान व्यवस्था तैयार की है. सेबी ने यह कदम खुलासा दायित्वों के अनुपालन पर लगातार जोर दिये जाने के तहत उठाया है. सेबी ने एक सकुर्लर जारी कर कहा है कि प्रचलित खुलासा जरूरतों का अनुपालन नहीं करने के मामले में शेयर बाजार कार्रवाई करेंगे और जुर्माना लगायेंगे.
इसमें कहा गया है कि सूचीबद्ध गैर- परिवर्तनीय रिण प्रतिभूतियों (Non-Convertible Debt securities-NCD) गैर- परिवर्तनीय विमोचनीय तरजीही शेयरों (Non-Convertible Redeemable Preference Shares-NCRPS) और वाणिज्यिक दस्तावेजों (Commercial Papers-CP) के जारीकर्ताओं द्वारा प्रचलित खुलासा जरूरतों का अनुपालन नहीं किये जाने की स्थिति यह जुर्माना लगाया जायेगा.
कंपनी पर 1,000 से लेकर 50,000 रुपये प्रतिदिन का लग सकता है जुर्माना
सकुर्लर में कहा गया है कि इन मामलों में भुगतान दायित्वों, रिण प्रतिभूतियों से जुटाई गई राशि का अन्यत्र इस्तेमाल किये जाने की जानकारी नहीं दिये जाने, एनसीडी अथवा एनसीआरपीएस में किसी तरह का बुनियादी बदलाव किये जाने के मामले में शेयर बाजारों की पूर्वानुमति नहीं लिये जाने जैसे नियमों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में जारीकर्ता कंपनी पर 1,000 से लेकर 50,000 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जा सकता है. सेबी ने कहा है कि यदि जरूरी लगता है तो शेयर बाजार कारणों को लिखित में रिकार्ड करने के बाद जुर्माना लगाने की कार्रवाई को बदल सकते है. सेबी ने कहा है कि यदि अनुपालन नहीं करने वाली कंपनी एक से अधिक मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों में सूचीबद्ध है तो संबंधित शेयर बाजार आपस में विचार विमर्श करने के बाद एकसमान कार्रवाई कर सकते हैं.
नियामक ने कहा है कि शेयर बाजारों को इस व्यवसथा को अमल में लाने के लिये जरूरी कदम उठाने होंगे और अनुपालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ उठाये गये कदम के बारे में अपने वेबसाइट पर खुलासा करना होगा. इसमें लगाये गये जुर्माने के बारे में भी जानकारी देनी होगी. इस तरह की कार्रवाई से प्राप्त जुर्माना राशि को संबंधित शेयर बाजार के निवेशक सुरक्षा कोष में जमा करना होगा. इस तरह का जुर्माना तब तक लगता रहेगा जब तक कि नियम का ठीक से पालन नहीं कर लिया जाता है और उससे संबंधित शेयर बाजार पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाता है. सेबी ने कहा है कि यह व्यवस्था 31 दिसंबर 2020 को अथवा इसके बाद समाप्त होने वाली अनुपालन अवधि के लिये लागू होगी.
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