Cyber Attack: दुनियाभर में रिकॉर्ड 151 फीसदी बढ़े साइबर अटैक, हर कंपनी को लगा 27 करोड़ रुपये का चूना
Cyber Attack: दुनियाभर में रिकॉर्ड 151 फीसदी बढ़े साइबर अटैक, हर कंपनी को लगा 27 करोड़ रुपये का चूना
महामारी की शुरुआत के साथ डिजिटलीकरण (Digitalization) के बढ़ते चलन के बीच दुनियाभर में साइबर हमलों (Cyber Attacks) की घटनाओं में भी तेजी आई है. हालांकि, इससे निपटने के लिए दुनियाभर में कई कदम भी उठाए जा रहे हैं. इसके बावजूद साइबर हमले जैसी घटनाओं को रोकना मुश्किल हो रहा है. आलम यह है कि पिछले साल यानी 2021 में दुनियाभर में रैन्समवेयर के हमलों (Ransomware Attacks) में रिकॉर्ड 151 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली.
इसका मतलब है कि एक कंपनी या संगठन को औसतन 270 साइबर हमलों का शिकार होना पड़ा है. विश्व आर्थिक मंच (WEF) के ऑनलाइन दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन (Online Davos Agenda Summit) के दौरान जारी ‘वैश्विक साइबर सुरक्षा आउटलुक 2022’ (Global Cybersecurity Outlook 2022) रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल किसी भी एक सफल साइबर हमले की चपेट में आने वाली हर कंपनी (Company) को 36 लाख डॉलर (लगभग 27 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है.
शेयरों में भी आई गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर किसी कंपनी पर साइबर हमला होता है तो इसका असर उसके शेयरों की कीमतों (Share Price) पर भी पड़ता है. इसमें कहा गया है कि किसी कंपनी पर हुए साइबर हमले के सार्वजनिक होने के बाद नैस्डेक (NASDAQ) पर कंपनी के शेयर की औसत कीमत छह महीने बाद भी करीब तीन फीसदी तक कम रही.
रैंसमवेयर सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि महामारी के कारण वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था (Global Digital Economy) बढ़ी है. हालांकि, साइबर हमले भी बढ़े हैं और साइबर सुरक्षा (Cyber Security) से जुड़े करीब 80 फीसदी दिग्गज अब रैन्समवेयर को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा और चेतावनी (Ransomware Danger and Threat to Public Safety) मानते हैं. व्यावसायिक अधिकारियों के बीच धारणा में एक बड़ा अंतर भी आया है, उनका मानना है कि उनकी कंपनियां सुरक्षित हैं, जबकि साइबर सुरक्षा जानकार उनसे असहमत हैं.
कौशल की कमी खतरे से निपटने की राह में चुनौती
रिपोर्ट में कहा गया कि सर्वेक्षण में शामिल करीब 92 फीसदी कारोबारी अधिकारियों ने माना कि साइबर लचीलापन उद्यम जोखिम कंपनियों की प्रबंधन रणनीतियों में एकीकृत है. हालांकि, केवल 55 फीसदी साइबर सुरक्षा जानकार ही इस बात पर सहमत हुए. एक्सेंचर (Accenture) के सहयोग से किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि खतरे का पता चलने के बाद भी करीब दो-तिहाई लोगों के लिए अपनी टीम के भीतर कौशल की कमी के कारण साइबर सुरक्षा के खतरे से निपट पाना चुनौतीपूर्ण होगा.
Post a Comment