Share Market में चौथे दिन भी गिरावट, छोटे निवेशक के लिए क्या अब है बाजार में पैसा डालने का सही वक्त?
Share Market में चौथे दिन भी गिरावट, छोटे निवेशक के लिए क्या अब है बाजार में पैसा डालने का सही वक्त?
Why Share Market Is Down : भारतीय शेयर बाजार आज लगातार चौथे दिन भी गिरे. 12 बजे तक सेंसेक्स कल के स्तर से लगभग 450 अंक नीचे चल रहा था. एक वक्त ऐसा भी था, जब ये लगभग 750 अंक गिर गया था. हालांकि सेंसेक्स, निफ्टी और बाकी इंडेक्सेज़ आज की तगड़ी गिरावट के बाद कुछ रिकवर जरूर किया है, लेकिन निवेशकों को ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए. ये गिरावट कुछ और समय तक जारी रह सकती है.
इकॉनोमिक्स टाइम्स की एक खबर के अनुसार, अमेरिकी फेडलर बैंक द्वारा बढ़ती मुद्रास्फीति (Inflation) से निपटने के लिए 2022 में चार बार रेट बढ़ाने की बात और जियो-पॉलिटिकल तनाव के चलते डॉलर की मांग में आया उछाल भारतीय बाजार के लिए बुरा साबित हो रहा है. इसके चलते विदेशी निवेशकों ने भारतीय मार्केट से पैसा निकाला है और इस बड़ी गिरावट के पीछे यही वजह भी है.
FPI ने पहले खरीदे, अब बेचे शेयर
आंकड़ों पर नजर डालें तो समझ में आता है कि फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने इस महीने में अब तक भारतीय बाजार में 4,197 करोड़ रुपये के शेयर्स बेच दिए हैं. इसी तनाव को आप इंडिया विक्स (India VIX) में हो रही वृद्धि में भी देख सकते हैं. बता दें कि बाजार में भय को नापने के लिए India VIX इंडेक्स का इस्तेमाल किया जाता है. भय जितना ज्यादा, VIX उतना ही ऊपर और भय कम तो VIX भी कूल डाउन या कम हो जाता है.
India VIX 8.3 से बढ़कर 19.28 हो गया है. यह काफी ऊंचा स्तर है. विशेषज्ञों को लगता है कि बाजार में आने वाले 30 दिनों तक बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं.
‘खरीदने की जल्दबाजी ठीक नहीं’
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार ने कहा, जनवरी 2020 की शुरुतात में FPI (फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स) खरीददार की भूमिका में थे, मगर अब ये एक बार फिर सेलर अथवा बेचने वालों की भूमिका में आ चुके हैं. गुरुवार तक इन्होंने 4 हजार करोड़ से भी ज्यादा का पैसा खींच लिया है. अगर छोटे समय के दृश्य से बात करें तो निवेशकों के लिए ये कठिन समय है. ये समय कुटछ और समय तक रह सकता है.
विजयकुमार ने हालांकि कल कहा था कि जरूरी नहीं कि भारत में भी ऐसा ही देखने को मिले, लेकिन निवेशकों को सावधान रहना होगा, क्योंकि वैश्विक मुद्रास्फीति बढ़ रही है और मौद्रिक स्तर पर सरकारें सख्त हो रही हैं. ये स्थिति साल के दूसरे हाफ (Second Half) में थोड़ी ठीक हो सकेगी. ऐसे में छोटे निवेशकों को शेयर खरीदने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
(डिस्क्लेमर: www.bearbullnews.com सिर्फ स्टॉक की जानकारी मुहैया कराता है. निवेश की सलाह नहीं देता है. शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है. इसलिए निवेश से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर ले लें.)
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